Tuesday, October 1, 2019

पहली करुणा पहली चोट

पहले प्रेम को नहीं
पहले घात को याद करता हूँ

पहले कवि को नहीं
पहली करुणा को याद करता हूँ

पहली दवा से पहले
याद करता हूँ पहली चोट को

पहली सड़क जो जाती थी
घर से बाहर उसे याद करूँ
इससे पहले याद आती है पहली ठोकर

पहले-पहल की हर याद से पहले
मुझे वह घाव याद आता है, दो हड्डियों
के संधिस्थल पर टीसता हुआ अविराम ।

- नील कमल

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