तेरह तो मैं गिन सकता हूँ
इनमें से आठ दस बहुत साफ़ साफ़
और कुछ आधे पौने लुके छिपे लेकिन
सब के सब तराशे हुए चमकदार सुन्दर
इन्द्राणी हालदार ये तुम्हारे दाँत हैं या कुछ और?
मैं जानना चाहता हूँ
भला कैसे कोई चेहरा इतना संजीदा रहता है?
जबकि दो कानों के बीच फैली हो दूधिया उजास
यह बात हमारी समझ में नहीं आती इन्द्राणी हालदार।
अलग है तुम्हारी हँसी
मोनालिसा और माधुरी दीक्षित से
एक ने दबा रखी है हँसी न जाने किस डर से
दूसरी के चेहरे से फूटती है हँसी फुलझरी सी
और एक तुम हो कि जैसे हँसी का अर्थशास्त्र
क्या कोई अवसाद भूले से भी तुम्हें नहीं घेरता ?
मैं तो जब भी हँसता हूँ ठठा कर
तो बिगाड़ ही लेता हूँ अपना चेहरा
आँखों की कोर पर उभर आती हैं झुर्रियाँ
मेरे पिता भी तो ऐसे ही हँसते थे जब बहुत खुश होते
सच तो यह कि हमारी आँखें ही मुँद जाती हैं खुशी में
तुम्हारी जैसी नपी तुली हँसी कैसे हँसते हैं इन्द्राणी हालदार?
तुम्हें इस तरह हँसने के कितने पैसे मिलते हैं इन्द्राणी हालदार?
जिनके राजकुमार उनसे रूठ कर चले गए
जिन्हें प्रेम में छल के अलावा हासिल न हो सका कुछ
ऐसी राजकुमारियों को हँसी का पता चाहिए इन्द्राणी हालदार
उन्हें इन्तज़ार रहता है घोड़े पर सवार अपने उस राजकुमार का
उनके सपनों में सुनाई पड़ती हैं घोड़ों के हिनहिनाने की आवाज़ें
क्या दुख में भी तुम्हें कभी रुलाई नहीं आती है इन्द्राणी हालदार?
- नील कमल